डॉक्टर की सलाह के बिना खाते हैं एंटी-डिप्रेसेंट दवा, तो भुगतना पड़ सकता है बुरा अंजाम

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डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है जिससे दुनिया में कई लोग पीड़ित हैं। यह आपके जीवन पर इतना गहरा प्रभाव डालता है कि व्यक्ति के नीजी और सामाजिक जीवन दोनों ही प्रभावित हो सकते हैं। इसके लक्षणों के इलाज के लिए एंटी-डिप्रेसेंट का इस्तेमाल किया जाता है। जानें एंटी-डिप्रेसेंट के क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत होती है।

डिप्रेशन मेंटल हेल्थ से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जिससे दुनिया भर में कई लोग लड़ रहे हैं। इस वजह से, रोजमर्रा के जीवन पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है। इसका प्रभाव केवल मानसिक ही नहीं बल्कि इलाज न कराने पर, शारीरिक रूप में भी नजर आ सकता है। डिप्रेशन की वजह से हमेशा दुखी और नीरस रहने का एहसास होता है, जो किसी भी व्यक्ति को परेशान कर सकता है। इसके इलाज के लिए डॉक्टर्स एंटी-डिप्रेसेंट दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कई बार इन दवाइयों के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। हालांकि, ऐसा बिल्कुल जरूरी नहीं है कि सभी में साइड इफेक्ट्स हो, लेकिन कुछ लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं। इसका असर सभी व्यक्तियों पर अलग-अलग हो सकता है, लेकिन अगर कोई साइड इफेक्ट हो रहा है तो उस पर ध्यान देने की जरूरत होती है और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। आइए जानते हैं कि एंटी-डिप्रेसेंट की वजह से क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

क्या है एंटी-डिप्रेसेंट?

एंटी-डिप्रेसेंट ऐसी दवाई होती है, जिसका इस्तेमाल डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याओं के लक्षणों से राहत पाने के लिए किया जाता है। क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, एंटी-डिप्रेसेंट्स आपके दिमाग के कुछ केमिकल्स में बदलाव करते हैं। ये केमिकल्स न्यूरोट्रांसमीटर कहलाते हैं। आमतौर पर, वे सेरोटोनिन, नॉरपेनेफ्रिन और, डोपामाइन से जुड़े न्यूरोट्रांसमिटर को प्रभावित करते हैं। एंटीडिप्रेसेंट न्यूरोप्लास्टिसिटी को प्रेरित करते हैं, एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें आपका दिमाग न्यूरॉन्स के बीच संबंधों को मजबूत या कमजोर करके अपनी संरचना को बदल सकता है।

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